Ancestral Property Distribution in India 2025 – पैतृक संपत्ति बंटवारा गाइड
Introduction
पैतृक संपत्ति (Ancestral Property) का बंटवारा भारत में हमेशा से विवादित और जटिल विषय रहा है। कई लोग अब भी इस सवाल से जूझते हैं कि 2025 में पैतृक संपत्ति कैसे बांटी जाती है? बेटियों को कितना हिस्सा मिलेगा? और पैतृक व स्वयं अर्जित (Self-acquired) संपत्ति में क्या अंतर है?
इस आर्टिकल में हम Hindu Succession Act 1956, 2005 Amendment और Supreme Court के 2020 फैसले के आधार पर पैतृक संपत्ति के बंटवारे के नियम समझेंगे।
What is Ancestral Property? (पैतृक संपत्ति क्या है?)
- पैतृक संपत्ति वह है जो कम से कम चार पीढ़ियों से बिना बंटवारे के चली आ रही हो।
- इसमें जन्म से ही बेटा और बेटी दोनों का अधिकार बन जाता है।
- कोई अकेला व्यक्ति इसे बेच या दान नहीं कर सकता, सभी coparceners की सहमति आवश्यक है।
Laws Governing Ancestral Property Distribution (कानून)
1. Hindu Succession Act, 1956
शुरुआत में केवल बेटों को coparcener माना गया।
2. Hindu Succession (Amendment) Act, 2005
बेटियों को भी जन्म से बराबरी का अधिकार दिया गया।
3. Supreme Court Judgment 2020
बेटियों को बराबर हिस्सा मिलेगा, चाहे पिता 2005 में जीवित हों या न हों।
Who Has Rights in Ancestral Property? (किसका अधिकार है?)
- Sons – जन्म से बराबर हिस्सा।
- Daughters – जन्म से बराबर हिस्सा (2005 संशोधन के बाद से)।
- Grandchildren – अपने माता-पिता के हिस्से के उत्तराधिकारी।
- Widow – पति की self-acquired property में हक, लेकिन ancestral में coparcener नहीं।
Example of Distribution in 2025
यदि दादा के पास 1 एकड़ पैतृक ज़मीन है और उनकी 2 बेटे तथा 1 बेटी है, तो:
- बेटा 1 – 1/3 हिस्सा
- बेटा 2 – 1/3 हिस्सा
- बेटी – 1/3 हिस्सा
यदि किसी संतान की मृत्यु हो चुकी है, तो उसके बच्चे (grandchildren) उसका हिस्सा पाएंगे।
Difference Between Ancestral and Self-Acquired Property
Basis | Ancestral Property | Self-Acquired Property |
---|---|---|
Origin | 4 generations से मिली हुई | स्वयं कमाई या खरीदी गई |
Rights | जन्म से सभी का बराबर हक | केवल मालिक का अधिकार |
Transfer | सभी coparceners की सहमति जरूरी | मालिक स्वतंत्र है बेचने/दान करने के लिए |
Latest Trends in 2025
- अधिक बेटियां अदालत में अपने हिस्से का दावा कर रही हैं।
- Registered Partition Deed और Family Settlement से विवाद कम हो रहे हैं।
- परिवार अब legal documentation पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।
Conclusion
2025 में पैतृक संपत्ति का बंटवारा पहले से कहीं अधिक स्पष्ट और न्यायसंगत हो चुका है। बेटा और बेटी दोनों को जन्म से समान अधिकार है। विवाद से बचने के लिए परिवारों को चाहिए कि वे कानूनी सलाह लें और रजिस्टर्ड बंटवारा कराएं।
FAQs on Ancestral Property Distribution
Q1. क्या बेटी को पैतृक संपत्ति में अधिकार है?
हाँ, बेटी को बेटे के बराबर अधिकार है चाहे पिता जीवित हों या न हों।
Q2. क्या पैतृक संपत्ति को अकेले बेचा जा सकता है?
नहीं, इसके लिए सभी coparceners की सहमति आवश्यक है।
Q3. पैतृक और स्वयं अर्जित संपत्ति में क्या अंतर है?
पैतृक संपत्ति में जन्म से सभी का अधिकार होता है, जबकि स्वयं अर्जित संपत्ति पर केवल मालिक का अधिकार होता है।
Q4. क्या पोते-पोतियों को भी हिस्सा मिलता है?
हाँ, वे अपने माता-पिता के हिस्से के हकदार होते हैं।
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